हम विपक्ष है
सत्तारूढ़ कोई भी दल हो
यही चाहते ,सदा विफल हो
तोड़फोड़ कर कोशिश करते ,
जैसे तैसे वो निर्बल हो
हरदम रहते इस तलाश में
कोई मुद्दा लगे हाथ में
नहीं चैन से बैठ सकें हम ,
उलझे रहते खुराफात में
जब भी थोड़ा मौका पाते
सत्ता सर सवार हो जाते
बुला प्रेस टीवी वालों को ,
हाय तोबा बहुत मचाते
मौसम का रुख देखा करते
तब ही पासे फेंका करते
कैसे भी माहौल गरम कर ,
अपनी रोटी सेंका करते
आरोपों प्रत्यारोपों में ,
हम प्रवीण है ,बड़े दक्ष है
हम विपक्ष है
हमने भी भोगी है सत्ता
किन्तु कट गया जबसे पत्ता
नहीं पूछता अब कोई भी ,
हालत खस्ता है, अलबत्ता
इसीलिये है हम चिल्लाते
टी वी ,पेपर में दिखलाते
ताकि बने रहे चर्चा में ,
लोग यूं ही ना हमें भुलादे
सत्तादल से लेते पंगा
बात बात में अड़ा अड़ंगा
खोल हमारी करतूतों को ,
वो जब हमको करते नंगा
ऐसे दिन आये है ग़म के
सूखे श्रोत सभी इनकम के
चलती जब सत्ता की खुजली ,
हम रहते है दमके दमके
कैसे फिर हथियायें सत्ता ,
अपना तो बस यही लक्ष है
हम विपक्ष है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
सत्तारूढ़ कोई भी दल हो
यही चाहते ,सदा विफल हो
तोड़फोड़ कर कोशिश करते ,
जैसे तैसे वो निर्बल हो
हरदम रहते इस तलाश में
कोई मुद्दा लगे हाथ में
नहीं चैन से बैठ सकें हम ,
उलझे रहते खुराफात में
जब भी थोड़ा मौका पाते
सत्ता सर सवार हो जाते
बुला प्रेस टीवी वालों को ,
हाय तोबा बहुत मचाते
मौसम का रुख देखा करते
तब ही पासे फेंका करते
कैसे भी माहौल गरम कर ,
अपनी रोटी सेंका करते
आरोपों प्रत्यारोपों में ,
हम प्रवीण है ,बड़े दक्ष है
हम विपक्ष है
हमने भी भोगी है सत्ता
किन्तु कट गया जबसे पत्ता
नहीं पूछता अब कोई भी ,
हालत खस्ता है, अलबत्ता
इसीलिये है हम चिल्लाते
टी वी ,पेपर में दिखलाते
ताकि बने रहे चर्चा में ,
लोग यूं ही ना हमें भुलादे
सत्तादल से लेते पंगा
बात बात में अड़ा अड़ंगा
खोल हमारी करतूतों को ,
वो जब हमको करते नंगा
ऐसे दिन आये है ग़म के
सूखे श्रोत सभी इनकम के
चलती जब सत्ता की खुजली ,
हम रहते है दमके दमके
कैसे फिर हथियायें सत्ता ,
अपना तो बस यही लक्ष है
हम विपक्ष है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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