खुशामद
चला कर के तीर तीखे नज़र के ,थक गए होंगे तुम्हारे नयन भी ,
बड़ी ठंडक और राहत मिलेगी ,बूँद दो उनमे दवा की डाल दूँ
बड़ी नाजुक है कलाई तुम्हारी ,दुखती होगी चूड़ियों के बोझ से ,
आओ उनको सहला के थोड़ा मलूँ और उनकी थकावट निकाल दूँ
इशारों पर जिनके मुझको नचाती ,थक गयी होगी तुम्हारी उँगलियाँ ,
इनको थोड़ा चटका के मालिश करूं,बनी ताकि रहे उनकी नरमियाँ
करके मीठी मीठी बातें प्यार की ,थक गए होंगे तुम्हारे होंठ भी ,
इनको भी सहला के अपने होंठ से ,सेक दूँ ,साँसों की देकर गरमियाँ
घोटू
चला कर के तीर तीखे नज़र के ,थक गए होंगे तुम्हारे नयन भी ,
बड़ी ठंडक और राहत मिलेगी ,बूँद दो उनमे दवा की डाल दूँ
बड़ी नाजुक है कलाई तुम्हारी ,दुखती होगी चूड़ियों के बोझ से ,
आओ उनको सहला के थोड़ा मलूँ और उनकी थकावट निकाल दूँ
इशारों पर जिनके मुझको नचाती ,थक गयी होगी तुम्हारी उँगलियाँ ,
इनको थोड़ा चटका के मालिश करूं,बनी ताकि रहे उनकी नरमियाँ
करके मीठी मीठी बातें प्यार की ,थक गए होंगे तुम्हारे होंठ भी ,
इनको भी सहला के अपने होंठ से ,सेक दूँ ,साँसों की देकर गरमियाँ
घोटू
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