Monday, July 13, 2020

खुशामद

चला कर के तीर तीखे नज़र के ,थक गए होंगे तुम्हारे नयन भी ,
बड़ी ठंडक और राहत मिलेगी ,बूँद दो उनमे दवा की डाल  दूँ
बड़ी नाजुक है कलाई तुम्हारी ,दुखती होगी चूड़ियों के बोझ से ,
आओ उनको सहला के थोड़ा मलूँ और उनकी थकावट निकाल दूँ  
इशारों पर जिनके मुझको नचाती ,थक गयी होगी तुम्हारी उँगलियाँ ,
इनको थोड़ा चटका के मालिश करूं,बनी ताकि रहे उनकी नरमियाँ
करके मीठी मीठी बातें प्यार की ,थक गए होंगे तुम्हारे होंठ भी ,
इनको भी सहला के अपने होंठ से ,सेक दूँ ,साँसों की देकर गरमियाँ

घोटू 

No comments:

Post a Comment