शिक्षक दिवस पर धन्यवाद ज्ञापन
है धन्यवाद टीचर ,तुमने मुझे पढ़ाया
पग पग पे सीख देकर, जीना मुझे सिखाया
करता था काम चोरी ,आदत मेरी सुधारी
गालों पर चपत मारी ,हाथों पर बेंत मारी
देकर के सजा अक्सर ,मुर्गा मुझे बनाया
पग पग पे सीख देकर, जीना मुझे सिखाया
मुझे डाटते थे अक्सर, कहते थे मैं गधा हूं
उपकार आपका ये, मै मानता सदा हूं
मेरा गधत्व जागा ,जो अब है काम आया
पग पग पर सीख देकर ,जीना मुझे सिखाया
कक्षा में बेंच ऊपर ,करके खड़ा सजा दी
उपहास सहते रहना, आदत मेरी बना दी
निर्लज्ज हंसते रहना, चिकना घड़ा बनाया
पग पग पर सीख देकर, जीना मुझे सिखाया
साहब की बात मानूं, बीबी की बात मानूं
बच्चों की बात मानूं,मैं सब की बात मानूं
ऑबिडिएंट इतना ,तुमने मुझे बनाया
पग पग पे हाथ सीख देकर, जीना मुझे सिखाया
ट्रेनिंग ये आपकी अब, मेरे काम आ रही है
डाट और डपट का कोई ,होता असर नहीं है
मैं ढीठ बना सहता,जाता हूं जब सताया
पग पग पे सीख देकर, जीना मुझे सिखाया
है धन्यवाद टीचर, तुमने मुझे पढ़ाया
मदन मोहन बाहेती घोटू
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