सुख की तलाश
क्यों ढूंढ रहे हो इधर उधर सुख तो तुम्हारे अंदर है
झांको अपने अंतरतर में ,खुशियों का भरा समंदर है
तुम को जीवन के जीने का, बस दृष्टिकोण बदलना है
निज सोच सकारात्मक रखना, सुख के रस्ते पर चलना है
वो लोग दुखी हो जाते हैं ,सुख की तलाश में भटक भटक
जब लोग मोह के नाले में जाती है उनकी नाव अटक
लोगों की अच्छाई देखो , उनमें कमियां तुम ढूंढो
मत
यदि जी भर प्यार लुटाओगे ,दूना आयेगा तुम्हे पलट
बिखरे हैं मानसरोवर में , सुख के मोती , कंकर दुख के
बन करके तुमको राजहंस ,चुगना होगा मोती सुख के
इस जीवन की सुख ही सुख का ,झरना झर रहा निरंतर है
क्यों ढूंढ रहे हो इधर उधर, सुख तो तुम्हारे अंदर है
घोटू
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