श्री श्री स्वामी जी माधव प्रपन्नाचार्य द्वारा राम कथा के अवसर पर एक कविता
माधव से सुनी, राघव की कथा
जग जननी मां सीता की व्यथा
स्वामी जी ने श्री वचनों से ,
हमें दिया राम का पता बता
माधव से सुनी राघव की कथा
श्री राम जनम ,वनवास गमन
सीता का हरण, बाली का मरण
सेतु निर्माण समंदर पर ,
और दशाशीश रावण का तरण
हनुमान का बल, बुद्धिमत्ता
माधव से सुनी ,राघव की कथा
पुष्पों से सजाया, मंच द्वार
श्री पुष्पहास जी ,परिवार
सब ने सच्चे मन ,तन्मय हो,
जय राम उचारा बार-बार
थी हर प्रसंग में विव्हलता
माधव से सुनी, राघव की कथा
हो मंत्र मुक्त श्रोताओं ने
पुरुषों ने और महिलाओं ने
चाय की तलब भुला करके,
पूरा रस लिया कथाओं में
आलस निद्रा को बता धता
माधव से सुनी, राघव की कथा
श्री राम रतन धन जब पाया
रस कथा में था इतना आया
कि व्यास पीठ पर ऊपर से
लीची ने भी रस टपकाया
जीवन में आई निर्मलता
माधव से सुनी, राघव की कथा
मदन मोहन बाहेती घोटू
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