कन्यादान वरदान
खत्म हुई शादी की धूम धाम
उपहारों का आदान-प्रदान
मनाने को हनीमून
दूल्हा और दुल्हन
चले गए हिल स्टेशन
एक दिन लड़का लड़की के मां-बाप
डिनर पर बैठे साथ-साथ
कर रहे थे वार्तालाप
लड़की की मां ने कहा, हमने अपनी प्यारी
नाज़ों से पाली
बेटी का कर दिया है कन्यादान
हमें विश्वास है आप रखेंगे उसका ध्यान
लड़के की मां ने कहा, आपने किया है कन्यादान तो हमने भी किया है वर का दान
हमारा बेटा अब हमारे हाथ से निकल जाएगा अपनी बीवी की सुनेगा और उसके गुण गाएगा
अपनी पत्नी के इशारों पर नाचेगा
हमारी ओर ध्यान कब देगा
आजकल
नव युगल
अपनी जिंदगी अपने ढंग से,
मनाने को होते हैं बेकल
हमारा लाडला
पराया है हो चला
आज नहीं तो कल ,
बना लेगा अपना अलग घोंसला
हमारा घर छोड़ कर उड़ जाएगा
अपनी दुनिया अपने ढंग से बसायेंगा
शायद यही सोचकर ,
आपने पहले से ही इंतजाम कर दिया है
एक फ्लैट दहेज में बेटी के नाम कर दिया है
हमारा आशिर्वाद
हमेशा है उनके साथ
वे जहां भी रहे ,जैसे भी रहे ,फले फूले
पर अपने मां बाप को ना भूले
यही तसल्ली क्या कम है हमारे लिए
वे भी चैन से जिए और हम भी चैन से जिएं
मदन मोहन बाहेती घोटू
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