नए-नए चलन
आजकल बड़े अजीब अजीब चलन चल गए हैं रोज नए नए फैशन बदल रहे हैं
लोग परिवार के साथ समय में मजा नहीं पाते हैं कहीं किसी के साथ जाकर *क्वालिटी टाइम* बिताते हैं
घर की रोटी दाल का बवाल इन्हे नहीं सुहाता है बाहर होटल में *फाइन डाइनिग* में जाने में मजा आता है
छुट्टियां गुजारना अच्छा नहीं लगता अपनों के बीच में
जाकर *चिल* करते हैं गोवा के *बीच* में
फैशन का भूत ऐसा सर पर चढ़ रहा है
फटे हुए *जींस* पहनने का रिवाज़ बढ़ रहा है
ढीले ढाले *ओवरसाइज टॉप* पहनने का चलन में है
चोली की पट्टी दिखाते रहना फैशन में है
पश्चिम सभ्यता अपनाने का यह अंजाम हो गया है *लिविंग इन रिलेशनशिप* में रहना आम हो गया है आजकल *वर्किंग कपल* घर पर खाना नहीं पकाते हैं
*स्वीगी* को फोन कर खाना मंगाते हैं
या दो मिनट की *मैगी नूडल* से काम चलाते हैं आजकल चिट्ठी पत्री का चलन बंद है
मोबाइल पर मैसेज देना सबको पसंद है
आदमी मोबाइल सिरहाने रख कर सोता है
बच्चे के हाथ में झुनझुना नहीं *मोबाइल* होता है
कानों पर चिपका रहता है मोबाईल रात दिन
सारे काम होने लगे हैं* ऑनलाइन*
अब आदमी लाइन में नहीं लगता,पर *ऑन लाइन *जीता है
जानें हमे कहां तक ले जाएगी,ये आधुनिकता है
मदन मोहन बाहेती घोटू
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