तिरासिवें जन्मदिन पर
मुश्किलों से नहीं मानी हार मैंने
सभी पर जी भर लुटाया प्यार मैंने
जिंदगी की जंग को लड़ना कठिन था,
पर किसी से नहीं ठानी रार मैंने
अग्रसर होता गया कर्तव्य पथ पर,
रहा हंसता, आई ना मुख पर उदासी
हमेशा ही सकारात्मक सोच रख कर,
वर्ष जीवन के किया पूरे बयांसी
अब तिरासी वर्ष का आगाज़ है ये
मेरे जीवन जीने का अंदाज है ये
अपने माता-पिता की आशीष पायी
दोस्तों की दुआओं की, की कमाई
प्यार जी भर कर लुटाया भाइयों ने ,
और बहनों से सदा राखी बंधाई
करी सेवा मेरे बच्चों ने हमेशा
और पत्नी ने लुटाई प्रेम राशी
हमेशा ही सकारात्मक सोच रखकर
वर्ष जीवन के किये पूरे बयांसी
अब तिरासी वर्ष का आगाज़ है ये
मेरे जीवन जीने का अंदाज है ये
भयंकर बिमारी ने था जब सताया
दुआओं से सबकी जीवन नया पाया
छलके आंसू आंख से मेरे कभी तो
सांत्वना दे , सभी ने ढाढस बंधाया
सच्चे दिल से ख्याल मेरा रखा हरदम,
नहीं आने दी शिकन मुंह पर जरा सी
हमेशा ही सकारात्मक सोच रखकर
वर्ष जीवन के किया पूरे बयांसी
अब तिरासी वर्ष का आगाज़ है ये
मेरे जीवन जीने का अंदाज है ये
चाहता हूं जब तलक मैं रहूं जिंदा
भूल कर भी किसी की ना करूं निंदा
मदद सबकी हो सके मैं करूं उतनी
रहूं उड़ता प्यार का बनकर परिंदा
रहूं करता खुशी की बरसात हरदम
प्रेम मेरा कभी भी ना पड़े बासी
हमेशा ही सकारात्मक सोच रखकर
वर्ष जीवन के किये पूरे बयांसी
अब तिरासी वर्ष का आगाज़ है ये
मेरे जीवन जीने का अंदाज है ये
मदन मोहन बाहेती घोटू
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