Sunday, October 17, 2010

कामनवेल्थ सबकी हेल्थ

कामनवेल्थ सबकी हेल्थ
देखो खेलगाव का मेला
कामनवेल्थ सभी ने खेला
लेकिन सबसे बड़े खिलाडी
तो निकले मिस्टर कलमाड़ी
पहलवान ने दाव लगाये
कुश्ती जीती,गोल्ड जिताए
कलमाड़ी ने दाव लगाया
सबसे ज्यादा गोल्ड कमाया
अपने हिन्दुस्तानी शूटर
रहे पदक में सबसे उपर
लेकिन नहीं कोई भी शूटर
निकला कलमाड़ी से बढ कर
शुरू किया जब शूटिंग करना
बजट शूट हो गया सोगुना
रिले रेस में भी बिलकुल फिट
खुद फिर गिल खन्ना फिर दीक्षित
उनसे अच्छा तीरंदाज
नहीं मिलेगा तुमको आज
ऐसा आया कामनवेल्थ
बनी कई लोगो की हेल्थ
सोचो यदि युग होता त्रेता
कलमाड़ी सा कोई नेता
रामसेतु का ठेका पाता
क्या टाइम पर पुल बन जाता
दाम दस गुने,होती लूट
बनता भी तो जाता टूट
तो फिर केसे रावण मरता
और दशहरा केसे मनता
इसीलिए इश्वर की माया
कलमाड़ी कलयुग में आया

Saturday, October 16, 2010

आत्म दीप

आत्म दीप
लो फिर से आगई दिवाली
मेरे मन के दीप्त दीप पर
उस प्रदीप पर
काम क्रोध के
प्रतिशोध के
वे बेढंगे
कई पतंगे
शठरिपु जैसे
थे मंडराए
मुझ पर छाये

पर मेने तो
उनको सबको
बाल दिया रे
अपने मन से
इस जीवन से
मेने उन्हें निकाल दियाRE

मगन में जला
लगन से JALA
और मेने शांति की दुनिया बसा ली
लो फिर से आ गयी दिवाली

Self Enlightment

OH,THE FESTIVAL OF DIWALI HAS COME AGAIN
ON THE ENLIGHTENED EARTHEN POT
AND THE DANCING FLAME OOF MY HEART
ALL THE INSECTS OF GREED AND ANGER
SEX,HATRED,REVENGE AND FEAR
STARTED DANCING AROUND THE FLAME
BUT I HAVE BURNT ALL OF THEM
ALL THEIR ATTEMPS TO LURE ME FAILED
AND THE LIGHT OF TRUTH AND PEACE PREVAILED
QH,THE FESTIVAL OF DIWALI HAS COME AGAIN

Monday, October 11, 2010

बिजली अवतार

बिजली अवतार
होती देखी जब घर घर नारी की पूजा
लख कर महिमा कलियुग की प्रभु को यह सूझा
फारवर्ड होती जाती नारी दिन प्रतिदिन
करदे ना मेरे खिलाफ भी वो आन्दोलन
जितने भी अवतार लिए सब पुरुष रूप धर
लक्ष्मी जी को बिठा रखा है घर के अन्दर
वो नारी है, उनको आगे लाना होगा
लक्ष्मी जी को अब अवतार दिलाना होगा
किया विचार, तनिक कुछ सोचा,मन में डोले
पर क्या करते जा कर लक्ष्मी जी से बोले
सुनो लक्ष्मी धरती पर छाया अँधियारा
आवश्यक है अब होना अवतार हमारा
होगा दूर अँधेरा उजियारा लाने से
पर मै तो डरता हूँ धरती पर जाने से
राम बनूगा ,लोग कहेगे कैसा पागल
मान बाप की बात अरे जाता हे जंगल
गर नरसिंह बनू तो भी आफत कर देंगे
निश्चित मुझे अजायब घर में सब धर देंगे
कृष्ण बनूगा तो भी आफत हो जायेगी
सेंडिल खा खा मुफ्त हजामत हो जाएगी
मै डरता हूँ सुनो लक्ष्मी मेरी मनो
जरा पति के दिल के दुःख को भी पहचानो
अब के से तो तुम्ही लो अवतार धरा पर
तुम भी दुनिया को देखो पृथ्वी पर जाकर
मेरी मत सोचो में काम चला लूँगा
मै कैसे भी अपनी दाल गला लूँगा
मगर प्रियतमे कभी कभी मुझ तक भी आना
बारिश की बिजली के संग मुझसे मिल जाना
कहते कहते आंसू की बोछार हो गयी
पति की व्यथा देख लक्ष्मी तैयार हो गयी
बिदा लक्ष्मी हुई आँख से आंसू टपके
पहले समुद्र से प्रकटी थी वो लेकिन अबके
नारी थी उसने नारी का ख्याल किया

ना समुद्र पर नदिया से अवतार लिया
बंधे बांध से टकरा प्रकटी बिजली देवी
किया अँधेरा दूर सभी बन कर जनसेवी
चंद दिनों में ही फिर इतना काम बढाया
दुनिया के कोने कोने में नाम बढाया
बिजली को अवतार दिला सच सोचा प्रभु ने
बिन बिजली के तो हें सब काम अलूने
रातो को चमका करती कितनी ब्यूटी फुल
बटन दबाते जल जाती सचमुच वंडर फुल
बिन बिजली के तो सूनी हें महफ़िल सारी
महिमा कितनी महान धन्य बिजली अवतारी
इतनी लिफ्ट मिली लेकिन फिर भी ना फूली
वह नारी हें अपना नारीपन ना भूली
चूल्हे चोके में बर्तन सीने धोने में
बाहर और भीतर घर के कोने कोने में
बिजली जी ने अपना आसन जमा लिया है
सच पुछो नारी को कितना हेल्प किया है
उल्लू से ये तार बने बिजली के वाहन
अब दीपावली को होता बिजली का पूजन
इतनी जनप्रिय किन्तु पतिव्रता धर्म निभाती
जो छूता धक्का दे उसको दूर भागती
जब थक जाती हें तो फ्यूज चला जाता हें
भक्तो ये बिजली वही लक्ष्मी माता हें

BIJALI AVTAR –The Electricity

After seeing women being worshied everywhere
The God was worried seeing Kalyugs atmospehere
The ladies are getting froward everyday
And may start a revolution against me and say
You have taken all the incarnation as a man
And have confiend laxmi ji in a den
She is women and needs to be brought forward
And this time she should take incarnation in this world
He thought and thought and went to laxmi to tell
There is darkness and the world has become a hell
To remove the darkness and to bring in the light
This time for my reincarnation is very right
I would have taken incarnation , He said
But this time going to earth, I am afraid
If born like Ram, people will pass comments
What a fool to go to forest to obey parents
If born like krishna, they would be scandal
Gop and Gopies will beat me with their sandal
If born like Narsimha, than what I will do
They will all Capture me and put in a zoo
Hence dear Laxmi please try to understand
And solve my problems like a good friend
This time you go and take incarnation
Ans see closely the world and my creation
Remove all the darkness and shine like sun
My dear Kamli, become Bijali and have fun.
Don’t bother about me, I will manage
It won’t be difficult for me in this age
But please do come to me, my dear
Some time when there are clouds come as thunder
Laxmi agreed but with a very heavy heart
She was daughter of Ocean but this time smart
She was a women and so kept women’s name
And took worth from river with the help of dam
And a few days she became so popular
Brighting life of everyone, everywhere
By giving incarnation to Laxmi, God was so right
That today nothing is possible without electricity light
If shine in the night and is so beautiful
Sparks with touvh of a button, so wonderfull
Power, light, electricity has become a passion
But she did not forget that she is women
Sweeping, washing, stiching and in the kitchen
She is there in all applicences to help women
These wires like owls are carriers of Bijali
We worship lights on the festival of Deepawali
So popular but still loyal to husband she stay
If one touches, get shocked and thrown away
And the fuse goes off when there is tiredness
Oh friends! Bijali is Laxmi the Godess

Saturday, October 9, 2010

रेखा

रेखा
मैंने जब रेखा को देखा,मई था छोटा,वो थी जवान
फिर बार बार उसको देखा, वो थी जवान,मै था जवान
लेकिन इन धुंधली आखो से,अब भी उसको देखा करता
वो है अब भी जवान लगती,लेकिन मै हूँ बूढा लगता
तो मैंने उनसे पूछ लिया,एक बात बताओ रेखा जी
क्यों नहीं तुम्हारे चेहरे पर,है चढ़ी उम्र की रेखा जी
रेखा बोली मुस्का कर के,व्यायाम करो और कम खाओ
योग और प्राणायाम करके, व्यक्तित्व चिर युवा तुम पाओ
थी कितनी स्लिम सायराजी,कितनो के दिल की रानी थी
दुबला पतला छरहरा बदन,सारी दुनिया दीवानी थी
पर जब से पति का प्यार मिला,दूना हो गया दायरा है
पहले जैसी दुबली पतली, अब ना वो रही सायरा है
वह सुंदर कटे बाल वाली,लड़की छरहरे बदन की थी
था नाम साधना हिरोइन मेरे महबूब फिलम की थी
पर जबसे उसको महबूब मिला वह फूली फूली फूल गयी
हो गया घना साधना बदन,अब जनता उसको भूल गयी
तो शादी कर लेने पर जब,आहार प्यार का मिलता है
अच्छा खासा छरहरा बदन,शादी के बाद फूलता है
तो कम खाना और योग,साथ में अबतक मै जो क्वारी हूँ
इसलिए चिर युवा लगती हूँ,मै सुंदर हूँ मै प्यारी हूँ

पर जब से उसको महबूब मिला वह फूली फूली फूल gayee

भविष्यवाणी

भविष्यवाणी
एक प्रोढ़ महिला ने
एक ज्योतिषी को अपना हाथ दिखलाया
तो ज्योतिषी ने बतलाया
आपका जीवन सुखी और संपन्न है
काया निरोग है
मगर माई आपका दो सास का योग है
महिला बोली, आपका सारा ज्योतिष है बेकार
मेरे ससुर तो कभी से गए है स्वर्ग सिधार
पास खड़ा उसका पति बोला
भाग्यवान,ज्योतिषी की बात में दम हैa
तेरी बहू क्या तेरी सास से कम है

नारी

नारी
शक्ति रूपा प्रचंड होती है
सास रूप में हो या बहू रूप में
दोनों में करंट होती है
और अक्सर एक की करंट पोसिटिव
और एक की करंट निगेटिव होती है
ये दोनों लाइव वायर जब टकराते है
तो अच्छे अच्छे घरों के फ्यूज उड़ जाते है
कई बार इतनी स्पार्किंग होती है
की घर तक जल जाता है
पर जब इन तारों पर
पुत्र प्रेम का
या पति प्रेम का इन्सुलेसन चढ़ जाता है
तो इनके करंट से
शांति का बल्ब जल जाता है
और सारा घर रोशन हो जाता है

दशहरे के दिन

दशहरे के दिन
वो हमारे घर आये
और बोले, बच्चे रावण देखने गए है
हमने सोचा चलो आपको ही देख आये
हमने कहा सच होता बड़ा तमाशा है
रावण को देखने सब जाते है
राम को देखने कोई नहीं जाता है
आप तो हमेशा से रूदियाँ तोड़ते आये है
अच्छा हुआ रावण देखने नहीं गए,
हमारे यहाँ आये है
पर बच्चो को वहां क्या मज़ा आएगा
आप तो यहाँ है
बच्चो को रावण कैसे नज़र आएगा

Saturday, October 2, 2010

माँ बीमार है

माँ बीमार है
दिल थोडा कमजोर हो गया,घबराता है
थोडा सा भी खाने से जी मचलता है
आधी से भी आधी रोटी खा पाती है
अस्पताल का नाम लिया तो घबराती है
साँस फूलने लगती जब कुछ चल लेती है
टीवी पर ही कथा भागवत सुन लेती है
जी घबराता रहता है ,आता बुखार है
माँ बीमार है
प्रात उठ स्नान ध्यान पूजन आराधन
गीताजी का पठान आरती भजन कीर्तन
फिर कुछ खाना,ये ही दिनचर्या होती थी
और रात को हाथ सुमरनी ले सोती थी
ये दिनचर्या बीमारी में छूट गयी है
कमजोरी के कारण थोड़ी टूट गयी है
बीमारी की लाचारी से बेक़रार है
माँ बीमार है
फ़ोन किसी का आता है,खुश हो जाती है
कोई मिलने आता है,खुश हो जाती है
याद पुरानी आती है,गुमसुम हो जाती
बहुत पुरानी बाते खुश हो होकर बतलाती
अपना गाँव माकन मोहल्ला याद आते है
पर ये तो हो गयी पुरानी सी बाते है
एक बार फिर जाय वहां ,मन बेक़रार है
माँ बीमार है
बचपन में मै जब रोता था,माँ जगती थी
बिस्तर जब गीला होता था,माँ जगती थी
करती दिन भर कम ,रात को थक जाती थी
दर्द हमें होता था और माँ जग जाती थी
अब जगती है,नींद न आती ,तन जर्जेर है
फिर भी सबके लिए कम, करने तत्पर है
ये ममता ही तो है ,माँ का अमिटप्यार है
माँ बीमार है
उसके बोये हुए वृक्ष फल फूल रहे है
सभी याद रखते है पर कुछ भूल रहे है
सबसे मिलने ,बाते करने का मन करता
देखा उसकी आँखों में संतोष झलकता
और जब सब मिलते है तो हरषा करती है
सब पर आशीर्वादो की बर्षा करती है
अपने बोये सब पोधों से उसे प्यार है
माँ बीमार है
यही प्रार्थना हम करते हैं हे इश्वर
उनका साया बना रहे हम सबके ऊपर
जल्दी से वो ठीक हो जाये पहले जैसी
प्यार,दांत फटकार लगाये पहले जैसी
फिर से वो मुस्काए स्वर्ण दन्त चमका कर
हमें खिलाये बेसन चक्की स्वम बना कर
प्रभु से सबकी यही प्रार्थना बार बार है
माँ बीमार है

फरमाइश

फरमाइश
तुमने जब जब भी पहने
सुंदर कपडे ,सुंदर गहने
और सझधज कर तैयार हुई
तुम खिलती हुई बहार हुई
देखा करते SHRANGAR तुम्हे
मन मचला करने प्यार तुम्हे
मैं लेकर तुमको बाँहों में
उड़ चला प्यार की राहों में
जब मन में था तूफ़ान उठा
तो तन का सब श्रंगार हटा
न वस्त्र रहे तन पर पहने
बिखरे सब इधर उधर गहने
फैला काजल फैली लाली
बिखरी सब जुल्फे मतवाली
जिनने की मुझे लुभाया था
कुछ करने को उकसाया था
जब बात प्यार की आती है
साडी चीजे हट जाती है
तन की नेसर्गिक सुन्दरता
पाकर ही है ये मन भरता
तो क्यों गहनों की ख्वाहिश है
और कपड़ो की फरमाइश है

Farmaish

Whenever you are beautifully dressed,
I like it and get impressed
All make-up and ornaments you wear
You bloom like a flower,my dear
By seing your beautiful charms
I embrace you in my arms
And when,in bedroom we moved
All the ornaments are removed
And your beautiful bode undressed
We loved each other and embraced
I kissed you and kissed and kissed
All make-up and lipstick vanished
All the dresses and ornaments that excite
Are gone away and out of sight
Woman’s body’s natural beauty
Is the most satisfying thing,Oh cutie
Then why ornaments you want to purchase
And want me to buy you costly dress