Monday, December 20, 2010

हाय पैसा

    हाय पैसा
दुनिया में कुछ लोग हमेशा
करते है बस पैसा पैसा
पैसा तो मिल गया मगर फिर
शांति खो गयी ,अचरज कैसा
पैसा क्या है ,झूटी माया
किस्मत थी तो खूब कमाया
लेकिन कुछ भी काम न आया
क्षीण हो गयी कंचन काया
पैसा बढ़ा ,बढ़ा ब्लड प्रेशर
पैसा बढ़ा ,बढ़ गयी शक्कर
लूखी रोटी ,फीकी सब्जी
और दवा की गोली दिन भर
तन की क्षुधा शांत हो जाती
मन की क्षुधा शांत हो जाती
पर पैसे की भूख हमेशा,
जितना पाओ ,बढती जाती
इसीलिए क्या कमा रहे हम
जीवन का सुख गमा रहे हम
सात पुश्त के लिए हमेशा
करते पूंजी जमा रहे हम
पा पैसा  बिगडेगे बच्चे
मेहनत नहीं करेगे बच्चे
खुद सवार लेंगे निज जीवन
लायक अगर बनेगे बच्चे
मधुमख्खी से तुम बन जाओ
पुष्पों के संग नाचो गाओ
पर पतझड़ में काम आ सके
इतना संचित शहद बनाओ
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