आशीर्वाद
तुम जीवो जैसे तुम चाहो,हम जिए जैसे हम चाहे
हम में पीड़ी का अंतर है ,अलग अलग है अपनी राहे
हाँ ये सच है,उंगली पकड़,सिखाया हमने,तुमको चलना
हमने तुमको राह बताई,तुमने सीखा आगे बढ़ना
लेकिन तुम स्वच्छंद गगन में,अगर चाहते हो खुद उड़ना
तुम्हारी मंजिल ऊँची है,कई सीडिया तुमको चढ़ना
तुम्हारी गति बहुत तेज है,हम धीरे धीरे चलते है
इसीलिए बढ़ रही दूरिया हम दोनों में ,हम खलते है
हमें छोड़ दो ,आगे भागो ,तुम्हे लक्ष्य है ,अपना पाना
अर्जुन, मछली घूम रही है,तुम्हे आँख में तीर लगाना
आशीर्वाद हमारा तुमको,तुम अपनी मंजिल को पाओ
हम पगडण्डी पर चल खुश ,तुम राजमार्ग पर दोड लगाओ
चूमे चरण सफलता लेकिन ,मंजिल पाकर फूल न जाना
जिन ने तुमको राह दिखाई,उन अपनों को भूल न जाना
ढूंढ रही तुम में अपनापन,धुंधली ममता भरी निगाहे
तुम जियो जैसे तुम चाहो,हम जीए जैसे हम चाहे
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