फूल खिले मेरे जीवन में
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जब से तुम आई जीवन में फूल खिल गए
मेरे सोये अरमानो को पंख मिल गए
सूखी थी जीवन बगिया ,गुलजार हो गयी
जीवन में सतरंगों की बोछार हो गयी
थी गर्मी की तपन,कभी सर्दी की ठिठुरन
मेरे मन को चुभते रहते थे सब मौसम
तुम जब आई वासंती मधुमास आगया
मेरे जीवन, सांसों में उच्छ्वास आगया
फूल खिले जीवन बगिया में ,मै हूँ,तू है
और प्यार की ,सभी तरफ फैली खुशबू है
मदन मोहन बहेती'घोटू'
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जब से तुम आई जीवन में फूल खिल गए
मेरे सोये अरमानो को पंख मिल गए
सूखी थी जीवन बगिया ,गुलजार हो गयी
जीवन में सतरंगों की बोछार हो गयी
थी गर्मी की तपन,कभी सर्दी की ठिठुरन
मेरे मन को चुभते रहते थे सब मौसम
तुम जब आई वासंती मधुमास आगया
मेरे जीवन, सांसों में उच्छ्वास आगया
फूल खिले जीवन बगिया में ,मै हूँ,तू है
और प्यार की ,सभी तरफ फैली खुशबू है
मदन मोहन बहेती'घोटू'
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