Tuesday, November 8, 2011

मुझे तडफाया सभी ने

मुझे तडफाया सभी ने
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उम्र की इस बेबसी में
मुझे तडफाया सभी ने
और मुझ पर बीतती क्या,
ये नहीं सोचा किसी ने
तान कर ताने दिए और,
दिल दुखाया दिल्लगी में
कभी थे दावत उड़ाते,
आज है फांकाकशी में
उम्र ऐसे ही गयी कट,
कभी दुःख में या ख़ुशी में
मुझे दीवाना समझ कर,
यूं ही ठुकराया सभी ने
नहीं देखा पीर कितनी,
छुपी है मेरी हंसी में
नेह बांटो,खोल कर दिल,
रंजिशे क्यों आपसी में
आओ फिर से दिल मिलाएं,
क्या रखा तानाकशी में

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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