Sunday, May 25, 2014

सलाह

           सलाह
एक दिन हमारे मित्र  बड़े परेशान थे
क्या करें,क्या ना करें,शंशोपज में थे, हैरान थे
हमने उनसे कहा ,सलाह देनेवाले बहुत मिलेंगे,
मगर आप अपने को इस तरह साँचें में ढाल  दें
जो बात समझ में न आये ,उसे एक कान से सुनकर,
दूसरे कान से निकाल दें
आप सबकी सुनते रहें
मगर करें वही ,जो आपका दिल  कहे
लगता है उन्होंने मेरी बात पर अमल कर लिया है
मेरी सलाह को इस कान से सुन कर,
उस कान से निकाल दिया है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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