चुनाव के बाद का चिंतन
१
क्या बतलाएं ,हम पर कैसी बीती है
कल तक भरी हुई गगरी ,अब रीती है
हुआ तुषारापात सभी आशाओं पर ,
हार गए हम , अबके जनता जीती है
२
सपने सारे मिटे , धूल में,बिखर गए
नहीं तालियां,मिली गालियां ,जिधर गए
उड़ते थे स्वच्छंद ,आज हम अक्षम है ,
वोटर ऐसे पंख हमारे क़तर गए
३
कुछ कर्मो के फल से ,कुछ नादानी में
ध्वस्त हुए ,मोदी की तेज सुनामी में
बचे खुचे हम,मिल कर आज करें चिंतन ,
डूब गए क्यों ,हम चुल्लू भर पानी में
घोटू
१
क्या बतलाएं ,हम पर कैसी बीती है
कल तक भरी हुई गगरी ,अब रीती है
हुआ तुषारापात सभी आशाओं पर ,
हार गए हम , अबके जनता जीती है
२
सपने सारे मिटे , धूल में,बिखर गए
नहीं तालियां,मिली गालियां ,जिधर गए
उड़ते थे स्वच्छंद ,आज हम अक्षम है ,
वोटर ऐसे पंख हमारे क़तर गए
३
कुछ कर्मो के फल से ,कुछ नादानी में
ध्वस्त हुए ,मोदी की तेज सुनामी में
बचे खुचे हम,मिल कर आज करें चिंतन ,
डूब गए क्यों ,हम चुल्लू भर पानी में
घोटू
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