वक़्त वक़्त की बात
रहता किसी का वक़्त कभी एक सा नहीं
किस्मत बदलती सबकी जब आता समय सही
रहती है दबी ,आठ माह ,बक्से के अंदर
मौसम में सर्दियों के जब आती है निकल कर
तो प्यार सबका कितना फिर पाती रजाइयां
कितने हसीन जिस्मो पर, छाती रजाइयां
हम भी रजाई की तरह ,अरमान दबाये
बैठे है इन्तजार में कि अच्छे दिन आएं
किस्मत हमारी ,हम पे भी हो जाये मेहरबाँ
हमको भी अपनी बाहों में भर लेगी दिलरुबां
घोटू
रहता किसी का वक़्त कभी एक सा नहीं
किस्मत बदलती सबकी जब आता समय सही
रहती है दबी ,आठ माह ,बक्से के अंदर
मौसम में सर्दियों के जब आती है निकल कर
तो प्यार सबका कितना फिर पाती रजाइयां
कितने हसीन जिस्मो पर, छाती रजाइयां
हम भी रजाई की तरह ,अरमान दबाये
बैठे है इन्तजार में कि अच्छे दिन आएं
किस्मत हमारी ,हम पे भी हो जाये मेहरबाँ
हमको भी अपनी बाहों में भर लेगी दिलरुबां
घोटू
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