जाती बहार के फल
खिलता है तो लगता है सुहाना और महकता ,
मौसम में हर एक फूल पर चढ़ता शबाब है
अनुभव की बात आपको लेकिन हम बताएं ,
गुलकंद बन ,अधिक मज़ा देता गुलाब है
मौसम में तो मिलते थे हमें रोज ही खाने ,
अब मुश्किलों से मिलते है,वो भी कभी कभी,
खाकर के देखो आम तुम जाती बहार के ,
पड़ जाते नरम,स्वाद में पर लाजबाब है
घोटू
खिलता है तो लगता है सुहाना और महकता ,
मौसम में हर एक फूल पर चढ़ता शबाब है
अनुभव की बात आपको लेकिन हम बताएं ,
गुलकंद बन ,अधिक मज़ा देता गुलाब है
मौसम में तो मिलते थे हमें रोज ही खाने ,
अब मुश्किलों से मिलते है,वो भी कभी कभी,
खाकर के देखो आम तुम जाती बहार के ,
पड़ जाते नरम,स्वाद में पर लाजबाब है
घोटू
No comments:
Post a Comment