तजुर्बा
मुँह बिचका दिया ध्या नहीं हमपे जरा सा,
बस देख कर के रंग उजला मेरे बाल का
एक बार आजमा के अगर देख जो लेते,
लग जाता पता ,भाव तुम्हे आटे दाल का
मेरी तुम्हारी उम्र में अंको का उलट फेर ,
छत्तीस तुम ,मैं तिरेसठ ,अंतर कमाल का
इतने बरस तक ,खूब खाये खेले हुए हम,
हमको बहुत तजुर्बा है ,डीयर धमाल का
घोटू
No comments:
Post a Comment