लिमिट में प्यार करो बीबी से
अपनी बीबी से करो प्यार मगर बस इतना
कि जो आसानी से पच जाये केवल बस उतना
मिठाई ही मिठाई जो ,मिले रोज खाने को
विरक्ति मीठे से होती ,मिठाई के दीवाने को
इस तरह प्यार का जो 'ओवर डोज' मिलता हो
बिना मांगे ही अगर रोज रोज मिलता हो
सोच कर ये कि इससे बीबी रीझ जाती है
हक़ीक़त ये है इससे बीबी खीझ जाती है
इसलिए ढेर सारा प्यार नहीं बरसाओ
थोड़ा सा प्यार करो,थोड़ा थोड़ा तरसाओ
हमेशा पत्नी का पल्लू पकड़ के मत बैठो
लिमिट में प्यार करो,थोड़ा झगड़ो और ऐंठो
मिठाई साथ में ,नमकीन भी ,जरूरी है
बढाती प्यार की है प्यास ,कभी दूरी है
सताओ ऐसे ,उसके मन में आग लग जाए
प्यार पाने उसके मन में तलब जग जाए
आग हो दोनों तरफ ,मज़ा जलने में आता
चाह हो दोनों तरफ,मज़ा मिलने में आता
मदन मोहन बाहत'घोटू'
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