तीन चौके
१
अभी तो झेलना हमको, कई तूफ़ान बाकी है
चुकाने लोगों के अब तक,किये अहसान बाकी है
जिन्होंने पीठ के पीछे,किया है वार चुपके से ,
बहुत से ऐसे मित्रों की ,अभी पहचान बाकी है
२
बड़े स्वादिष्ट होते ,दिल ,सभी का लूटते लड्डू
अगर पुरसे हो थाली में,नहीं फिर छूटते लड्डू
ख़ुशी,शादी के मौके पर ,सभी में बांटे जाते है,
हसीना कोई मुस्काती ,तो मन में फूटते लड्डू
३
अभी तक ये मेरी समझ में ये न आया
मेरी पोस्ट पर तुमने ,'थम्प्सअप 'लगाया
ये मेरे विचारों की तारीफ़ की है ,
या फिर तुमने मुझको ,अंगूठा दिखाया
घोटू
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