Wednesday, January 31, 2018

प्रभु सुमिरण 
१ 
भरी ताजगी हो सुबह ,और सुहानी शाम 
ये जीवन चलता रहे,हंसी ख़ुशी, अविराम 
मेहनत ,सच्ची लगन से ,पूरे हो सब काम 
भज ले राधेश्याम तू ,भज ले सीताराम 
२ 
ऊधो से लेना न कुछ,ना माधो का देन 
चिंता हो ना चाहतें ,कटे यूं ही दिन रेन 
तुम अपने घर चैन से और हम अपने धाम 
भज ले राधेश्याम तू ,भज ले सीताराम 
३ 
मोह माया सब छोड़ दे ,झूठा है संसार 
रह सब संग सद्भाव से ,खूब लुटा तू प्यार 
तुम्हारे सद्कर्म ही,आय अंत में काम 
भेज ले राधेश्याम तू,भजले सीताराम 
४ 
बहुत हुआ अब छोड़ दे,वैभव,भोग विलास 
दान ,दया और धर्म से मिट जायेगे त्रास 
प्रभु का सुमरण ही करे ,तुम्हारा कल्याण 
भजले राधे श्याम तू,भजले सीताराम      

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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