शिकायत
इस तरह आप हमको सतायेंगे जो
दूरियां हमसे इतनी बनाएंगे जो
जिंदगी के तरीके बदल जाएंगे
हाथ से आपके हम निकल जाएंगे
सज संवर कर के जलवा दिखाते हमे
रूप का फेंक पासा ,लुभाते हमें
आग मन में मिलन की सुलग जाती जब ,
कुछ बहाने बना कर सताते हमे
देखिये ऐसे हम ना बहल पाएंगे
हाथ से आपके हम निकल जाएंगे
हाथ जो मैं रखूँ तो हटा देते तुम
फेर कर मुंह हमसे ,पलट जाते तुम
ऐसा क्या है पता ना तुम्हे हो गया
कोई जिद मैं करूँ तो बिगड़ जाते तुम
कोई और मिल गया ,हम फिसल जाएंगे
हाथ से आपके हम निकल जाएंगे
घोटू
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