चार पंक्तियाँ-४
लाख छुट्टियां काटो ,फाइव स्टार होटल में ,
सुकून तो अपने घर ,जाकर ही मिलता है
पचीसों व्यंजन का ,बफे डिनर खालो पर ,
चैन अपने घर रोटी ,खाकर ही मिलता है
म्यूजिक के बड़े बड़े ,कन्सर्ट तुम सुन लो पर ,
असली मज़ा ,बाथरूम में ,गाकर ही मिलता है
रंग बिरंगी परियां, बहलाती मन ,पर सुख तो ,
बीबी की बाहों में ,आकर ही मिलता है
घोटू
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