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Tuesday, April 23, 2019
हमारा मोदी
Monday, April 22, 2019
जवानी में जो हम पर प्यार बरसाती थी झर झर झर मोहब्बत का प्रदर्शन जो किया करती थी ख़ुद बढ़ बढ़ बुढ़ापे में आज कल वो किया करती है बस बड़ ब�¤A 1़ नहीं चुप बैठती हरदम बका करती है अब बुढ़िया बुढ़ापे में बहुत ही तंग किया करती है अब बुढ़िया हमेशा रहती सजधज कर अदा से मुस्कुराती थी प�¤9 5ा कर नित नये पकवान जो हमको खिलाती थी न जाने कौन सी घूटी पिलाई आ बुढ़ापे ने हमारी मौज मस्ती सब गयी बदली सिया�
मोहब्बत का प्रदर्शन जो किया करती थी ख़ुद बढ़ बढ़
बुढ़ापे में आज कल वो किया
करती है बस बड़ बड़
नहीं चुप बैठती हरदम
बका करती है अब बुढ़िया
बुढ़ापे में बहुत ही तंग
किया करती है अब बुढ़िया
हमेशा रहती सजधज कर
अदा से मुस्कुराती थी
पका कर नित नये पकवान
जो हमको खिलाती थी
न जाने कौन सी घूटी
पिलाई आ बुढ़ापे ने
हमारी मौज मस्ती सब गयी
बदली सियापे में
कहो उससे अगर कुछ तो
सुनाती एक की दस है
है कैंची सी ज़ुबान चलती
नहीं उस पर कोई बस है
हमारी छोटी ग़लती भी
पकड़ लेती है अब बुढ़िया
बुढ़ापे में बहुत हाई तंग
किया करती है अब बुढ़िया
गये वो दिन जब हम छूते
उसे रोमांच हो जाता
ज़रा सा अब उसे छूलो
उसे ग़ुस्सा बहुत आता
बिगड़ कहती ये छोड़ो चोंचले
अपनी उमर देखो
राम का नाम लो ,भगवतभजन
भी थोड़ा कर देखो
झेलते रोज ही ये सब
हो गयी एसी है गड़बड़
हमें अब उसकी बड़ बड़ की
एक आदत सी गयी है पड़
हमारा मन नहीं लगता
अगर चुप रहती जो बुढ़िया
बुढ़ापे में बहुत ही तंग
किया करती है अब बुढ़िया
घोटू
Wednesday, April 17, 2019
बस्ती की एक सुबह
कबूतरों की बस्ती की एक सुबह
पौ फटी
कबूतरों की बस्ती में हलचल मची
एक बूढी कबूतरनी ने ,
अपने पंखों को फड़फड़ाया
और पास में सोये अपने कबूतर को जगाया
बोली जागो प्रीतम प्यारे
मोर्निग उड़ान पर निकल चुके है दोस्त तुम्हारे
तुम्हे भी व्यायाम के लिए जाना है
विटामिन डी की कमी को दूर करने ,
थोड़ी देर धूप भी खाना है
आलस में डूबा कबूतर जब कुछ न बोला
तो कबूतरनी ने उसे झिंझोड़ा
बोली उठो ,इस बुढ़ापे में हमें ही ,
अपनी सेहत का ध्यान खुद ही रखना पडेगा
दूसरा कोई ख्याल नहीं रखेगा
क्योंकि बच्चे तो अपना अपना नीड़ बसा
हो गए है हमसे अलग
मुश्किल से ही हमें पूछते है अब
आप उधर व्यायाम करके आओ,
इधर मैं कुछ दाना चुग कर आती हूँ
आपके लिए ब्रेकफास्ट बनाती हूँ
और सुनो तुम दो दिन से नहाये नहीं हो
आते समय स्विंमिंगपूल में पंख फड़फड़ा कर आ जाना
और किसी अन्य कबूतरी से नैन मत लड़ाना
एक बात और याद रखना
कुछ लोगो ने मंदिर के आसपास ,
बाजरे के दाने बिखरा रखे है ,उन्हें मत चखना
इस तरह दाने बिखरा कर ,
ये लोग सोचते है कि वो पुण्य कमा रहे है
पर दर असल वो हमारी कौम को ,
आलसी और निकम्मा बना रहे है
सुन कर के उनका वार्तालाप
पड़ोस के घोसले में 'लिविंग इन रिलेशनशिप 'में
रहनेवाला एक जवान कबूतर का जोड़ा गया जाग
कबूतरनी ने ली अंगड़ाई
'गुडमॉर्निंग किस' के लिए ,
कबूतर की चोंच से चोंच मिलाई
वो मुस्कराई और बोली डार्लिंग आपका क्या प्रोग्राम है
कहाँ गुजारनी आज की शाम है
कबूतर बोला आज मैंने छुट्टी लेली है
दिन भर करना अठखेली है
पहले हम स्वीमिंगपूल के किनारे जायेगे
पूल में तैरती सुंदरियों के दीदार का मज़ा उठाएंगे
बीच बीच में हम भी थोड़ी जलक्रीड़ा करेंगे
चोंचे मिला कर ,रासलीला करेंगे
और फिर उस चौथी मंजिल वाली बालकनी को
अपनी इश्कगाह बनाएंगे
गुटरगूँ कर पंख फैलाएंगे
हंसी ख़ुशी दिन गुजारेंगे और फिर
अपने घोंसले में लौट आएंगे
पता नहीं क्यों लोग इतने संगदिल होते जारहे है
जो हमारी इश्कगाहों याने अपनी बालकनियों पर ,
जाली लगवा रहे है
वो लोग कभी जिनके प्रेमसन्देशे हम लेकर जाते थे
कबूतर जा जा के गाने गाते थे
आजकल वो ही गए है बन
हमारे प्यार के दुश्मन
बड़ी मुश्किल से कहीं कहीं मिलता है ठिकाना
वरना तड़फता ही रहता ये दिल दीवाना
कबूतरनी बोली छोडोजी ,
जब तक जवानी है ,मौज मना लें
थोड़ा सा हंस लें ,थोड़ा मुस्करालें
वरना फिर तो वो ही दूसरे कबूतरों की तरह ,
रोज रोज दाना चुगने ,दूर दूर जाना पड़ेगा
गृहस्थी की गाडी चलना पड़ेगा
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
Tuesday, April 16, 2019
Monday, April 8, 2019
Wednesday, April 3, 2019
Tuesday, April 2, 2019
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