कूकर और डॉगी
१
कूकर सारे दिवस में ,अक्सर रहते शांत
भौंका करते रात भर ,जब होता एकांत
जब होता एकांत ,भीड़ में ना भौंकेंगे
वर्ना लोग मार कर डंडा चुप कर देंगे
किन्तु रात में सूनी सड़क कोई ना टोके
तब अपना साम्राज्य चलाते ,कुत्ते भौंके
२
रेशम डोरी से बंधा ,साहब जिसे टहलाय
भौके भी डिसिप्लीन में ,वो 'डॉगी 'कहलाय
वो डॉगी कहलाय ,लाडला मैडमजी का
खाये बिस्किट टोस्ट ,नाश्ता दूध दही का
कह घोटू कविराय ,समझ बस इतना लेना
कभी भूल से उसको कुत्ता मत कह देना
घोटू
१
कूकर सारे दिवस में ,अक्सर रहते शांत
भौंका करते रात भर ,जब होता एकांत
जब होता एकांत ,भीड़ में ना भौंकेंगे
वर्ना लोग मार कर डंडा चुप कर देंगे
किन्तु रात में सूनी सड़क कोई ना टोके
तब अपना साम्राज्य चलाते ,कुत्ते भौंके
२
रेशम डोरी से बंधा ,साहब जिसे टहलाय
भौके भी डिसिप्लीन में ,वो 'डॉगी 'कहलाय
वो डॉगी कहलाय ,लाडला मैडमजी का
खाये बिस्किट टोस्ट ,नाश्ता दूध दही का
कह घोटू कविराय ,समझ बस इतना लेना
कभी भूल से उसको कुत्ता मत कह देना
घोटू
No comments:
Post a Comment