चिंतन
चिंतन बदलो ,तन बदलेगा
जीवन का कण कण बदलेगा
कई व्याधियां है जो अक्सर ,
तन के आसपास मंडराती
इनमें से आधी से ज्यादा ,
चिंताओं के कारण आती
गुस्से में ब्लड प्रेशर बढ़ता,
हो अवसाद, नींद उड़ती है
किडनी, लीवर की बीमारी ,
मानस स्थिति से जुड़ती है
यदि तुम सोचो मैं बीमार हूं
तो बुखार भी चढ़ जाएगा
यदि तुम सोचो मैं स्वस्थ हूं,
जीवन में सुख बढ़ जाएगा
परेशानियां इस जीवन में ,
सब पर आती, मत घबराओ
बड़े धैर्य से उनसे निपटो,
चिंता में मत स्वास्थ्य गमाओ
तिथि मौत की जब तय है तो,
रोज-रोज क्यों जीना घुट कर
हंसी खुशी से क्यों न गुजारें,
हम अपने जीवन का हर पल
मस्त रहोगे, मन बदलेगा
मुस्कराओ,मौसम बदलेगा
चिंतन बदलो, तन बदलेगा
जीवन का कण कण बदलेगा
मदन मोहन बाहेती घोटू
No comments:
Post a Comment