तुम वही करो जो मन बोले
तुम वही करो जो मन बोले
जिससे तुमको मिलती शांति ,
जो मन की दबी गांठ खोलें
तुम वही करो जो मन बोले
यह सोच, कोई क्या सोचेगा,
तुम सोच न खुद की खोने दो
औरों की सोच को अपने पर ,
बिल्कुल हावी मत होने दो
यह नहीं जरूरी तुम्हारी
औरों के साथ पसंद मिले
तुमको बस वो ही करना है ,
जिससे तुमको आनंद मिले
जो भी करना दृढ़ निश्चय से,
मत खाना डगमग हिचकोले
तुम वही करो जो मन बोले
तरह-तरह के परामर्श ,
देने कितने ही आएंगे
तुम ये करलो तुम वो करलो
शुभचिंतक बंद समझाएंगे
इन रायचंद की रायों को ,
तुम बिल्कुल ध्यान नहीं देना
चाहे कुछ भी परिणाम मिले
इनको ना कुछ लेना देना
लेकिन निष्कर्ष नहीं लेना,
तुम भले बुरे को बिन तोले
तुम वही करो जो मन बोले
मदन मोहन बाहेती घोटू
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