कुछ चेहरे
मेरे जीवन में कुछ चेहरे
यादों में आ आकर ठहरे
पहला चेहरा पिताश्री का
अनुशासन है जिन से सीखा
मिलनसार कर्मठ और हंसमुख
धर्मनिष्ट,सेवा को उन्मुख
बाहर सख्त ,मुलायम था मन
जिनके कारण संवरा जीवन
मैंने जिनके आदर्शों से ,
संस्कार पाये हैं गहरे
मेरे जीवन में कुछ चेहरे
यादों में आ आकर ठहरे
याद बहुत आती है मां की
जो एक मूरत थी ममता की
नयनो से था नेह उमड़ता
और विचारों में थी दृढ़ता
जिसने हर पल मुझे संभाला
लाड़ दुलार प्यार से पाला
जिसके आशीर्वादो से ही ,
पूर्ण हुए सब स्वप्न सुनहरे
मेरे जीवन में कुछ चेहरे
यादों में आ आकर ठहरे
याद आती वह प्यारी दादी
भोली भाली ,सीधी सादी
कार्य कुशल ,साहस की मूर्ति
उम्र अधिक पर कायम फुर्ती
सब बच्चों पर प्यार लुटाती
सुना कहानी ,मन बहलाती
जिसके संरक्षण में बीते,
बचपन के वो दिन सुनहरे
मेरे जीवन में कुछ चेहरे
यादों में आ आकर ठहरे
भाई बहन का रिश्ता प्यारा
बचपन जिनके साथ गुजारा
प्यारी पत्नी, प्यार लुटाती
हर सुख दुख में साथ निभाती
प्यारा बेटा ,प्यारी बिटिया
ले आए जीवन में खुशियां
जिनने, सबने सदा निभाए,
परिवार के रिश्ते गहरे
मेरे जीवन में कुछ चेहरे
यादों में आ आकर ठहरे
फिर कुछ अपने और पराए
कार्यक्षेत्र में जो टकराए
कोई मोहब्बत ,कुछ मतलब के
अलग-अलग है किस्से सबके
कुछ प्रति मन में प्यार जगा भी
उनमें कुछ ने मुझे ठगा भी
कभी किसी ने प्यार लुटाया,
घाव दे गया कोई गहरे
मेरे जीवन के कुछ चेहरे
यादों में आ आकर ठहरे
मदन मोहन बाहेती घोटू