किसी का मजाक मत उड़ाओ
अगर नहीं होना चाहते हो जीवन में परेशान
तो कभी भी किसी का मजाक मत उड़ाओश्रीमान
किसी की बोलचाल का
किसी की चाल ढाल का
किसी के भोलेपन का
किसी के मोटे तन का
किसी की काठी कद का
किसी के नीचे पद का
किसी के गंजेपन का
या किसी भी निर्धन का
कभी भी मजाक मत उड़ाओ
क्योंकि उसमें यह जो खामियां है
सब कुछ ईश्वर ने ही दिया है
और इनका मजाक है ईश्वर का अपमान
इसलिए किसी का मजाक मत उड़ाओ श्रीमान
कई बार तुम्हारे व्यंग
किसी को चुभ जाए तो
कर सकते हैं तुम्हे तंग
द्रौपदी का एक व्यंग ,
कि अंधों का बेटा भी होता है अंधा
भरी सभा में द्रोपदी को करवा सकता है नंगा इसी मजाक के कारण
हुआ था महाभारत का रण
लक्ष्मण ने सूर्पनखा की नाक काट कर
उड़ाया था उसका उपहास
और झेलना पड़ा था सीता हरण का त्रास आपका कोई भी मजाक
कब किस के दिल को ठेस पहुंचा दे
पता ही नहीं लगता
शब्दों का व्यंग बाण बहुत गहरा है चुभता इसलिए सोच समझकर इस्तेमाल करो अपनी जुबान
और किसी का मजाक मत उड़ाओ श्रीमान
मदन मोहन बाहेती घोटू
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