Wednesday, June 12, 2024

शबरी के राम 


बनवासी है रूप ,माथ पर तिलक लगाए हैं शबरी मैया की कुटिया में राम जी आए हैं

 बोलो राम राम राम सीता राम राम 


शबरी खुशी से हुई बावरी मन में उल्लास प्रभु दर्शन की जन्म जन्म की पूरी हो गई आस 

बड़े प्रेम से पत्तल आसन पर प्रभु को बैठाया 

गदगद होकर रामचरण में अपना शीश 

नमाया 

अश्रु जल से पांव पखारे पुष्प चढ़ाए हैं शबरी मैया की कुटिया में राम जी आए हैं

बोलो राम राम राम सीता राम राम 


बरसों से करती आई थी राम नाम की टेर प्रभु प्रसाद को लाया करती ताजेताजे बेर इतनी हुई भाव विव्हल वो राम प्रभु को देख 

चख कर मीठे बेर प्रभु को, बाकी देती फेंक 

जूंठे बेर किए शबरी के, राम ने खाए हैं शबरी मैया की कुटिया में राम जी आए है

बोलो राम राम राम सीता राम राम राम 


मदन मोहन बाहेती घोटू

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