माँ, बाप और नानी
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बच्चा हो,औरत हो या मर्द
जब भी होता है दर्द
मुहं से निकलता है 'उई माँ'
जब भी लगती है चोंट,
या होती है पीड़ा
याद आती है माँ
और माँ का नाम ही,
दर्द को सहलाता है
करार लाता है
और जब भी देखतें है,
कुछ चीज भयंकर
या लगता है डर,
तो मुंह से निकलता है
'बाप रे बाप'
कभी सोचा है आपने
एसा क्या किया है बाप ने
जो डर और अचरज में याद आ जाता है
जब कि वो भी बराबर प्यार लुटाता है
और जब होती है बड़ी परेशानी
लोग कहते है,याद आती है नानी
नानी याने माँ कि माँ
डबल ममता
क्या है इन सबका कारण?
शायद माँ की ममता ,लाड़ प्यार
और पिता का अनुशासन
मदन मोहन बहेती 'घोटू'
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बच्चा हो,औरत हो या मर्द
जब भी होता है दर्द
मुहं से निकलता है 'उई माँ'
जब भी लगती है चोंट,
या होती है पीड़ा
याद आती है माँ
और माँ का नाम ही,
दर्द को सहलाता है
करार लाता है
और जब भी देखतें है,
कुछ चीज भयंकर
या लगता है डर,
तो मुंह से निकलता है
'बाप रे बाप'
कभी सोचा है आपने
एसा क्या किया है बाप ने
जो डर और अचरज में याद आ जाता है
जब कि वो भी बराबर प्यार लुटाता है
और जब होती है बड़ी परेशानी
लोग कहते है,याद आती है नानी
नानी याने माँ कि माँ
डबल ममता
क्या है इन सबका कारण?
शायद माँ की ममता ,लाड़ प्यार
और पिता का अनुशासन
मदन मोहन बहेती 'घोटू'
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